प्राचार्य की विदाई समारोह में उमड़ पड़ा शिक्षकों का हुजूम, सभी ने भावपूर्वक दी विदाई, किसी ने गाए गीत तो किसी ने सुनाई पंक्तियां
गौरिहार/उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गौरिहार में प्राचार्य सहित विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ रहे एस के प्रजापति की सेवानिवृत्ति के बाद विद्यालय परिवार ने परिसर में ही भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तहसीलदार आकाश नीरज, विशिष्ट अतिथि के तौर पर उप्र सरकार के शिक्षा उप निदेशक बीपी पटेल, जिला शिक्षा अधिकारी एमके कौटार्य, सेवानिवृत्त प्राचार्य बीपी प्रजापति, पूर्व सरपंच महेंद्र सिंह उर्फ कुट्टू राजा, पुलिस महकमे में निरीक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए कमल सिंह सेंगर, जिला पंचायत सदस्य देवीदयाल अहिरवार, एसके उपाध्याय प्राचार्य एक्सीलेंस छतरपुर उपस्थित रहे। इस भव्य विदाई समारोह में क्षेत्र सहित लवकुशनगर व अन्य जगहों के शिक्षकों, प्राचार्यो तथा व्याख्याताओं का हुजूम उमड़ पड़ा। सभी ने फूल मालाओं से अपने प्राचार्य का स्वागत किया किसी ने अंग वस्त्र, कलम, धार्मिक पुस्तकें तो किसी ने तस्वीरें भेंट कर भावभीनी विदाई दी। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अध्यापक अशोक त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत माँ वीणावादिनी के पूजन से हुई। इसके बाद विद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना सहित स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
जिस संस्था में पहली पोस्टिंग हुई उसी से हुए सेवानिवृत्त
प्राचार्य एसके प्रजापति का संक्षिप्त जीवन परिचय देते हुए शिक्षक विनोद द्विवेदी ने बताया कि श्री प्रजापति की पहली नियुक्ति 22 फरवरी 1991 व्यख्याता के पद पर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गौरिहार में हुई थी। वर्ष 1998 से 2002 तक हाईस्कूल कितपुरा में प्राचार्य पद पर पदस्थ रहे इसके बाद 2002 से 2007 तक गौरिहार में प्राचार्य पद के दायित्वों का निर्वाहन किया। 2007 में फरवरी से जून तक बीआरसी के पद अपनी सेवाएं दीं। 2007 से 2011 तक कितपुरा में प्राचार्य पद पर पदस्थ रहे। 1 सितंबर 2011 से 16 दिसंबर 2017 तक हायर सेकंडरी सरवई में सेवाएं दी और पुनः 13 दिसंबर 2017 से सेवाकाल समाप्ति की 31 अगस्त 2023 तक गौरिहार में पदस्थ रहें। इसी बीच वह विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के दायित्वों को भी संभालते रहे। इस तरह 1991 में शुरू किया गया सफर 31 अगस्त 2023 में थम गया। लेकिन वो जहाँ भी पदस्थ रहे उनकी ऊर्जा विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था बनाने में खर्च हुई तभी उनके कार्यकाल को सराहा जाता रहा।
किसी ने गाये गीत तो किसी ने पढ़ी स्वरचित पंक्तियां
विदाई समारोह में शिक्षकों ने गीतों और स्वरचित पंक्तियों के माध्यम से अपने अपने भाव प्रकट कर प्राचार्य को विदाई दी। इस मौके पर शिक्षक अवध शुक्ला ने बुंदेली लोक धुन में गीत गया इसी तरह किसी ने आल्हा की धुन पर व्याख्यान किया तो किसी ने अपनी पंक्तियों के माध्यम से सदैव मार्गदर्शन मिलने का निवेदन किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि तहसीलदार आकाश नीरज ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूं आप जैसे ही गुरुओं की वजह से हूं मैं आज इस कार्यक्रम में आकर धन्य हूं। शिक्षा उप निदेशक बीपी पटेल ने बताया कि मैने भी इस विद्यालय में व्यख्याता के पद पर अपनी सेवाएं दी हैं और सौभाग्य मेरा यह कि उस काल के दौरान एसके प्रजापति भी मेरे साथ अपनी सेवाएं दे रहे थे, मैं इनके स्वभाव से परिचित हूं इनको हमेशा इस बात का जुनून रहता था कि विद्यालय के शिक्षा का स्तर किस प्रकार से बढ़ाया जाए और वह इसमें सफल भी रहते थे। मैं यही कहूंगा कि भविष्य में भी आपका मार्गदर्शन हमे मिलता रहेगा। इसी तरह सभी अतिथियों ने अपने उद्बोधन में एसके प्रजापति के कार्यकाल को सराहा। इस मौके प्रकाश पुंज पाठक, डीआर पटेल, महेंद्र कुमार द्विवेदी, के त्रिकी, श्रीमती पूजा रिछारिया, जमुना प्रसाद अहिरवार, एलपी अनुरागी, रामलायक साहू, गंगादीन प्रजापति, जयकांत मिश्रा, मालती धुर्वे, रेखा सोनी, रश्मि रावत विशेष तौर पर उपस्थित रहे।