*जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट उत्तर प्रदेश मे गोस्वामी तुलसीदास जयंती का भव्य आयोजन संस्कृति विभाग द्वारा हो रहा*
*ब्रेकिंग न्यूज़*= *चित्रकूट*
*रिपोर्ट =क्रांतिकारी R. K. SONi*
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जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट उत्तर प्रदेश मे पदस्थ संस्कृति बिभाग के डॉ. गोपाल मिश्रा के नेतृत्व मे
गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती के पावन अवसर पर अयोध्या शोध संस्थान द्वारा चित्रकूट में दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत गोस्वामी तुलसीदास जयंती के 1 दिन पूर्व से श्रीरामचरितमानस का संगीतमय अखंड पाठ जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के महाकवि सूरदास सभागार में आयोजित किया गया साथ ही मानस के पाठ में विश्वविद्यालय के सभी छात्र छात्राओं, शिक्षकों, कर्मचारियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
पाठ का प्रारंभ दिनांक 22 अगस्त 2023 को प्रातः 8:00 बजे से किया गया जिसका समापन तुलसी जयंती के अवसर पर 23 अगस्त 2023 को प्रातः 9:00 बजे किया जाएगा।
बता दे की अयोध्या शोध संस्थान एवं विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया है जिसका विषय है *”तुलसी के राम”* । संगोष्ठी में स्थानीय के साथ कुछ बाहरी विद्वान भी आमंत्रित किए गए हैं जिसमें हडिया पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफ़ेसर सभापति मिश्र जी प्रमुख वक्ता के रूप में उद्बोधन देंगे। संगोष्ठी से विश्वविद्यालय के शोध छात्र भी लाभान्वित होंगे।
चित्रकूट गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्मस्थली है ऐसे में प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी का की इच्छा के अनुसार संस्कृति विभाग चित्रकूट में गोस्वामी जी के साहित्य को लेकर विविध आयोजन करता रहा है। चाहे रामायण कांक्लेव हो, श्री राम जन्म महोत्सव हो, दीपोत्सव हो या गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्मोत्सव। यह सभी कार्यक्रम अयोध्या शोध संस्थान के द्वारा प्रायोजित होकर चित्रकूट में भव्यता के साथ संपन्न होते हैं। इसी क्रम में इस बार दो दिवसीय जन्म महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें 1 दिन पूर्व से श्रीरामचरितमानस का संगीतमय अखंड पाठ और फिर जन्मोत्सव के दिन संगोष्ठी के माध्यम से गोस्वामी तुलसीदास जी के विचारों, उनके आदर्शों से लोगों को प्रेरणा प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर शिशिर कुमार पांडे ने पूजन करके पाठ का प्रारंभ कराया। कुलपति जी ने कहा कि गोस्वामी जी के विचार उनके ग्रंथ समाज को सदैव सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाते हुए मानवीय मूल्यों एवं उनकी मर्यादाओं का पाठ पढ़ाता है। इसलिए हम सभी को गोस्वामी जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए बढ़-चढ़कर उनके जन्मोत्सव में सहभागिता करनी चाहिए कुलसचिव राजबहादुर जी ने संस्कृति विभाग व अयोध्या शोध संस्थान को धन्यवाद देते हुए ऐसे कार्यक्रमों के लिए पुनः विश्वविद्यालय को अवसर प्रदान करने का आवाहन किया तथा गोस्वामी जी के विचारों को सभी को आत्मसात करने का आव्हान किया।